रालामंडल अभ्यारण के पास तिल्लौर खुर्द में धरती का सीना छन्नी कर दिया
इंदौर । (राजेन्द्र के.गुप्ता 9827070242/सात्विक गुप्ता 8959346146) प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी भ्रष्टाचार पर प्रहार करने के लिए कई बार कह चुके है किंतु जिम्मेदार अफसर नए—नए तरीके खोज कर चकमा देते रहते है या पकड़े जाने तक भ्रष्टाचार करते रहते है, वही अपनी जिम्मेदारी निभाने की बजाए, अपनी आंखों पर अवैध खननकर्ता से ली गई हरियाली की पट्टी बांध कर सो जाते है। मामला तिल्लौर खुर्द पंचायत क्षेत्र का है, जहां लगभग 50 एकड़ जमीन से हजारों टन अवैध खनन करके मुरम को बेच दिया गया है, हाईकोर्ट में उप शासकीय अधिवक्ता की शिकायत पर भी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है, बस जब भी वो नई शिकायत करते है कुछ दिन के लिए अवैध खनन करने वाली जेसीबी, पोकलेन और बड़े ड़म्फर हटा लिए जाते है...
शायद धरती का दर्द तभी दिखेगा, जब जिम्मेदारों के सीने पर दर्द आएगा
शिकायत के दो, चार दिन बाद फिर अवैध खनन चालू हो जाता है, इसका सबूत खुद धरती मां दे रही है, बस जिम्मेदार अफसरों को धरती का छलनी सीना दिखाई नहीं दे रहा है, शायद वो तब तक दिखाई नहीं देगा जब तक प्रकृति भी उनके सीने में कोई दर्द ना दे दे।
विधायक पर 400 करोड़ का जुर्माना, उप सरपंच मजे में
अवैध खनन करने पर इंदौर के एक पूर्व विधायक पर 400 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है, वही दूसरी तरफ तिल्लौर खुर्द पंचायत क्षेत्र में, एक किलोमीटर से अधिक शासकीय, वन भूमि व अन्य भूमि पर लगातार अवैध खनन किया जा रहा है, आरोप उप सरपंच पर लगाए गए है, वो मजे में है। आश्चर्य इस बात का है कि जिस हाईकोर्ट में न्याय के लिए गुहार लगाई जाती है, उस हाईकोर्ट में सरकार के उप शासकीय अधिवक्ता ने अवैध खनन के आरोप लगाते हुए, साक्ष्य चित्रों के साथ शिकायत की है, फिर भी जिम्मेदार अफसरों के द्वारा कार्यवाही नहीं की जा रही है.....!!! जिम्मेदार अफसर अपनी शासकीय जिम्मेदारी भी नहीं निभा रहे है, उनकी ड्यूटी है कि वो स्वयं इसे रोके और हुए अवैध खनन की भारी अर्थ दंड सहित वसूली करें....
50 करोड़ के राजस्व की शासन को हानि
शिकायत करने वाले उप शासकीय अधिवक्ता ने उप सरपंच, खनन अधिकारी, तहसीलदार सहित कई पर आपस में सांठ गांठ करके, लगातार अवैध खनन करके सरकार को 50 करोड़ रुपयों के राजस्व का चूना लगाने का आरोप लगाया है। शिकायत करने वाले उप शासकीय अधिवक्ता संतोष सिंह ठाकुर का आरोप है कि, वो पिछले साल से शिकायतें कर रहे है किंतु खनन अधिकारी और तहसीलदार मौका देखने के बाद भी कार्यवाही नहीं कर रहे है, ठाकुर का आरोप है कि अगर किए गए अवैध खनन की राशि पेनल्टी सहित वसूली की जाए तो सरकार को 50 करोड़ का राजस्व मिलेगा। शासकीय वन भूमि से लाखों टन अवैध खनन कर लिया गया है, खनिज विभाग, वन विभाग और राजस्व विभाग में पदस्थ क्षेत्र के अधिकारी अपने कर्तव्य को भूल गए है, इन्हें जगाने के लिए कई बार शिकायतें की गई किंतु लगता है जिम्मेदार अधिकारियों ने अपना हिस्सा लेकर आंखों पर हरियाली की पट्टी बांध ली है, इसलिए इन्हें इतना बड़ा अवैध खनन दिखाई नहीं दे रहा है ! शिकायतकर्ता ने अवैध खनन किए गए क्षेत्र का फोटो, वीडियो भी जारी किया है, अब देखना ये है कि अपनी जेब भरने में लगे अफसर, सरकार का खजाना भरने में कितनी रुचि लेते है या आंख मिचौली का खेल खेलते रहेंगे..क्योंकि मनरेगा योजना में अमृत सरोवर योजना के तहत बनाए गए कुएं के आस पास भी अवैध खनन कर दिया गया है, इसकी किए की पाल कभी भी ढह सकती है, पढ़ते रहें..
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