दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी को स्थाई श्रेणी कर्मचारी का दर्जा देने का रास्ता खुला


हाईकोर्ट ने दिए इन्दौर संभाग आयुक्त, कलेक्टर और प्राचार्य को दो माह में स्थायीकर्मी की श्रेणी देने का निर्णय लेने के आदेश

इंदौर । (राजेन्द्र के.गुप्ता 9827070242/सात्विक गुप्ता 8959346146) अब अस्थाई अर्थात दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को भी स्थाई कर्मचारियों के समान वेतन, भत्ते सुविधाएं आदि मिलने का रास्ता खुला है, अब अफसरों को दो महीने में निर्णय लेने का आदेश हाईकोर्ट ने दिया है...

ये है पूरा मामला

 मध्यप्रदेश शासन के सर्कुलर दिनांक 07/10/2016 और उच्च शिक्षा के परिपत्र दिनांक 05/10/2023 के पालन में दैनिक वैतन भोगियों को नियमानुसार स्थायीकर्मी की श्रेणी एवं वेतन से संबंधित अन्य लाभ नहीं देने पर हाईकोर्ट इन्दौर ने उच्च शिक्षा विभाग के इन्दौर संभागायुक्त, कलेक्टर और प्राचार्य होल्कर विज्ञान महाविद्यालय दो माह में स्थायीकर्मी की श्रेणी देने का निर्णय लेने के आदेश दिए गए हैं। 


याचिकाकर्तागण के एडवोकेट गौरव पांचाल ने बताया याचिकाकर्तागण लगभग पिछले 10 वर्षो से पूर्ण निष्ठा, लगन एवं ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं इस बीच सामान्य प्रशासन विभाग भोपाल के पत्र क्रमांक एफ 5-1/2013/1/1 भोपाल दिनांक 07/10/2016 द्वारा कार्यरत दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों के लिए स्थायी कर्मियों को विनियमित करने की योजना लागू की गई जिसके संदर्भ में मध्यप्रदेश शासन के उच्च शिक्षा विभाग, भोपाल द्वारा पत्र क्रमांक 1506/1880/2021 /38-2 भोपाल दिनांक 05/10/2023 जारी कर शासकीय महाविद्यालयों में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों को स्थायीकर्मी की श्रेणी प्रदान किए जाने के संबंध में आदेश जारी किए गए परन्तु याचिकाकर्तागण को आज दिनांक तक उपरोक्त योजना का लाभ प्रदान नहीं कर स्थायीकर्मी की श्रेणी प्रदान नही की जा रही हैं और कलेक्टर संभागायुक्त एवं प्राचार्य द्वारा म.प्र. शासन द्वारा जारी उपरोक्त पत्रों दिनांक 07/10/2016 एवं 05/10/2023 का स्पष्ट उल्लंघन किया जा रहा हैं। इसके अतिरिक्त म.प्र. शासन के परिपत्र दिनांक 07/1072016 एवं दिनांक 05/10/2023 के पालन में जिला राजगढ़ एवं मध्यप्रदेश राज्य के अन्य जिलो के महाविद्यालयों में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को स्थायीकर्मी की श्रेणी प्रदान कर विनीयमीतीकरण का लाभ प्रदान किया जा चुका हैं परन्तु याचिकाकर्तागण से भेदभाव कर स्थायीकर्मी की श्रेणी प्रदान नहीं की जा रही है जो कि भारत के संविधान के अंर्तगत प्रत्यर्थीगण को दिए गए समानता के अधिकार का स्पष्ट उल्लंघन हैं। याचिकाकर्तागण द्वारा प्रत्यर्थीगण को कई लिखित आवेदन देकर स्थायीकर्मी की श्रेणी प्रदान करने का निवेदन किया गया परन्तु प्रत्यर्थीगण द्वारा सुस्त रवैया अपनाया जा रहा है एवं याचिकाकर्तागण को स्थार्यीकर्मी की श्रेणी प्रदान नहीं की जा रही हैं। इस कारण याचिकाकर्तागण द्वारा एडवोकेट गौरव पांचाल के माध्यम से माननीय उच्च न्यायालय इन्दौर के समक्ष याचिका प्रस्तुत की गई। याचिकाकर्तागण द्वारा एडवोकेट गौरव पांचाल तर्क सुनने के पश्चात हाईकोर्ट द्वारा इन्दौर संभागायुक्त एवं इन्दौर कलेक्टर एवं होल्कर महाविद्यालय की प्राचार्या को याचिकाकर्तागण के संबंध में दो माह में स्थायीकर्मी की श्रेणी देने का निर्णय लेने के आदेश दिए गए हैं। आदेश की प्रतिलिपी संलग्न हैं। हाईकोर्ट के आदेश से दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को भी स्थाई कर्मचारियों की तरह वेतन, भत्ते आदि मिलने का रास्ता खुल गया है। एडवोकेट पंचाल ने बताया अगर दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के पक्ष में निर्णय नहीं लिया गया तो हम फिर हाईकोर्ट की शरण में जाएंगे। पूर्व में एनजीओ के कर्मचारियों को स्थाई करने के संबंध में अन्य याचिका पर भी हाईकोर्ट आदेश जारी कर चुका है।

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