दो बार समय निर्धारण करने के बाद हाजियों ने दिखाई बढ़ोतरी पहली किस्त जमा करने में हो रही कोताही एक बार फिर तारीख बढ़ाई गई है।



भोपाल

MP: समय से पहले मांग ली गई हज खर्च की किस्त और इस खर्च में भी कर दी गई बढ़ोतरी ने चयनित हाजियों को विचलित कर दिया है। असर खर्च की पहली किस्त जमा करने में हो रही कोताही के रूप में आ रहा है। दो बार समय निर्धारण करने के बाद भी अब तक अधिकांश लोगों ने यह किस्त जमा नहीं कराई है। जिसके बाद हज किस्त जमा करने के लिए एक बार फिर तारीख बढ़ाई गई है।


हज कमेटी ऑफ इंडिया ने हज 2025 के लिए खर्च की पहली किस्त जमा करने के लिए तारीख में इजाफा किया है। इसके लिए बुधवार शाम को आदेश जारी किए गए हैं। पहले इसके लिए 31 अक्तूबर की अंतिम तारीख दी गई थी। जारी किए गए आदेश में पासपोर्ट, मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट और आवेदन फॉर्म की प्रति के अलावा अन्य दस्तावेज जमा करने की आखिरी तारीख भी 5 नवंबर से बढ़ाकर 14 नवंबर कर दी गई है। 

इसलिए बन रहे हालात

प्रदेश के करीब 7 हजार आवेदकों को हज यात्रा के लिए चयन किया गया है। उनको खर्च की पहली किस्त के तौर पर एक लाख 30 हजार रुपए जमा करने के लिए कहा गया है। अब तक पहली किस्त के रूप में 80 हजार रुपए लिए जाते थे। लेकिन हज कमेटी ने इस बार पहली किस्त में 50 हजार की बढ़ोतरी कर दी है। पिछले सालों के लिहाज से तैयारी किए लोगों को अचानक इस बढ़े खर्च ने व्यथित कर दिया है। लोगों के खर्च का बजट भी इससे बिगड़ा है, जिसके चलते पहली किस्त की राशि समय पर जमा नहीं हो पा रही है।





जल्दबाजी भी एक वजह

जानकारी के मुताबिक हज 2025 जून माह में होना है। इसके लिए करीब 7 माह पहले से फॉर्म भरने और खर्च राशि तलब करने से लोग नाराज हैं। देशभर से जमा होने वाली करीब 16 अरब रुपए की इस बड़ी राशि से मिलने वाले ब्याज और इसके हज सफर में खर्च होने पर भी लोगों को ऐतराज है। 


खास खास 

हज होगा: जून 2025

आवेदन: सितंबर 2024

पहली किस्त: नवंबर 2024

जमा होंगे : करीब 16 अरब


दिक्कत यह : हाजियों से जमा होने राशि से बैंक ब्याज मिलेगा। जो इस्लामी तरीके से गैर मुनासिब


हुआ यह भी : अब तक पहली किस्त में 80 हजार लिए जाते थे। इस बार 1.30 लाख मांगे जा रहे हैं।

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