इंदौर नगर निगम पर गंभीर आरोप : 2022 से अटकी पड़ी अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई, विधायक की चिट्ठी भी रही बेअसर
वाघेला एक्सप्रेस -नीरज द्विवेदी
इंदौर। शहर की व्यवस्थाओं को लेकर एक बार फिर इंदौर नगर निगम कटघरे में है। इंदौर विकास प्राधिकरण (IDA) द्वारा 10 जून 2022 को नगर निगम को भेजे गए स्पष्ट पत्र और स्थानीय विधायक की मांग के बावजूद निगम प्रशासन अब तक अवैध अतिक्रमण हटाने में पूरी तरह असफल रहा है। मामला IDA की योजना TPS 1 के सर्वे क्रमांक 325/1/4 में चिन्हित अवैध निर्माणों का है, जिनकी सूची स्वयं प्राधिकरण ने निगम को भेजी थी।
इस पत्र में 25 से अधिक प्लॉटों पर हुए अवैध निर्माण का उल्लेख है, जिनमें से कई निर्माण बगैर स्वीकृति के किए गए हैं। बावजूद इसके नगर निगम ने आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। हैरानी की बात यह है कि खुद क्षेत्रीय विधायक ने भी निगम को पत्र लिखकर इन अतिक्रमणों को हटाने की मांग की थी, लेकिन उनकी बात भी अनसुनी कर दी गई नतीजा यह हुवा के अब २७ मकानों के अलावा भी कई नविन निर्माण जारी हैं।
"जनता सवाल पूछ रही है कि जब IDA और विधायक दोनों ने लिखित अनुरोध किया, तो आखिर किसके दबाव में नगर निगम चुप बैठा है?"
स्थानीय रहवासी इस देरी से आक्रोशित हैं और इसे मिलीभगत का नतीजा मान रहे हैं। कुछ लोगों का आरोप है कि निगम के अधिकारियों और भूमाफियाओं की सांठगांठ के चलते यह कार्रवाई जानबूझकर टाली जा रही है।
इस पूरे मामले ने नगर निगम की कार्यशैली पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर एक सरकारी प्राधिकरण और जनप्रतिनिधि की चिट्ठियों का कोई असर नहीं होता, तो आम जनता की सुनवाई कैसे होगी?
अब देखना होगा कि इस शर्मनाक लापरवाही पर कोई कार्रवाई होती है या फिर निगम की फाइलों में यह मामला भी धूल खाता रहेगा।
0 Comments