जब लागत भी नही निकले ये देख खेतों में कटी पड़ी खराब सोयाबीन की फसल में दुखी किसान ने लगाई आग

सीहोर। सीहोर जिले के ग्राम ढाबला केलवाड़ी के किसान भरत सिंह मेवाड़ा एवं रवि परमार की तीन एकड़ भूमि में खराब हुई सोयाबीन की फसल में आग लगाकर नष्ट कर दी। इधर ग्राम चंदेरी की किसान व समाजसेवी एम.एस. मेवाड़ा  द्वारा विगत् एक माह से कई गाँवों के किसानों के साथ अति जलवृष्टि से खराब हुई सोयाबीन की फसल का सर्वे कराकर बीमा व मुआवजा दिलाये जाने के लिए कमिश्नर से लेकर तहसीलदार तक ज्ञापन दिया गया।  लेकिन शासन कोई कार्यवाही नही किये जाने की वजह से किसान काफी चिंतित होकर अपनी सोयाबीन की फसल को आग के हवाले कर दी, क्योंकि लागत भी नही निकल पा रही थी 


देवांशी शर्मा

ज्ञातव्य है कि मध्य प्रदेश में किसान लगातार सोयाबीन की फसल के भाव को लेकर आंदोलन कर रहे थे। इसी बीच किसानों की फसल भारी बारिश की वजह से सोयाबीन की फसल खराब होने के कारण लागत मूल्य भी नहीं निकल पाने की वजह से किसान काफी परेशान है। किसानों का कहना है कि सरकार हमारी बिल्कुल नहीं सुन रही है। इसलिए किसान सोयाबीन खराब सोयाबीन को लेकर दुखी व परेशान है और खराब सोयाबीन की फसल में आग लगाने को मजबूर हैं। आज ऐसा ही मामला सीहोर जिले से सामने आया है जहां पर किसान ने अपने सोयाबीन की फसल खराब होने की वजह से सोयाबीन को आग के हवाले कर दिया और सरकार से किसान गुहार लगा रहे हैं।

देखा जाए तो मध्य प्रदेश में सरकार किसान हितेषी सरकार के नाम से जानी जाती है लेकिन किसानों के सोयाबीन की खराब फसल को लेकर बिल्कुल भी चिंतित नहीं है। किसान परेशान है उनके लागत मूल्य भी नहीं निकल पा रही हैं।

मध्य प्रदेश में हजारों ऐसे किसान हैं जो खराब सोयाबीन की फसल को लेकर काफी परेशान हो रहे हैं जिनका लागत मूल्य भी नहीं निकल पा रहा है। किसान कर्ज के दल-दल में धसता चला जा रहा है और मध्य प्रदेश सरकार किसानों को लेकर गंभीर नहीं है आखिर क्यों नहीं है एक बड़ा सवाल है क्या मध्यप्रदेश सरकार किसानों  को लेकर गंभीर होगी या फिर किसानों को अपने हालात पर छोड़ देगी।

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