इंदौर। वित्त वर्ष 2024-25 (निर्धारण वर्ष 2025-26) की टैक्स ऑडिट रिपोर्ट जमा करने की अंतिम तिथि 30 सितम्बर 2025 है। आमतौर पर आयकर विभाग नॉन-कार्पोरेट आयकर रिटर्न (ITR) की अंतिम तिथि के बाद टैक्स ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कम से कम 60 दिन का समय देता रहा है। लेकिन इस साल नॉन-कार्पोरेट ITR की समयसीमा 16 सितम्बर 2025 तक बढ़ाई गई इस कारण टैक्स ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने के लिए सिर्फ 14 दिन का समय बचा।
देशभर के चार्टर्ड अकाउंटेंट संगठनों और टैक्स लॉ बार एसोसिएशनों ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) से समयसीमा 30 नवम्बर 2025 तक बढ़ाने की मांग की थी। बावजूद इसके, CBDT इस बार समयसीमा बढ़ाने को तैयार नहीं दिख रहा।
ऐसे में, इंदौर के सीए निलेश माहेश्वरी (M/s VND & Associates) ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। उनकी ओर से अधिवक्ता आनंद सोलंकी और अपूर्वा झा पैरवी करेंगे। इस मामले की सुनवाई 26 सितम्बर 2025 को होने की संभावना है।
याचिका में प्रमुख तर्क:
a) आयकर पोर्टल पर लगातार तकनीकी दिक्कतें।
b) टैक्स ऑडिट रिपोर्ट तैयार करने और दाखिल करने के लिए केवल 14 दिन का समय।
c) व्यक्तिगत नॉन-ऑडिट ITR की तारीख तो बढ़ाई गई, लेकिन टैक्स ऑडिट रिपोर्ट की नहीं।
याचिकाकर्ता का कहना है कि यदि समयसीमा नहीं बढ़ाई गई तो कई करदाताओं पर समय पर रिपोर्ट दाखिल न कर पाने की वजह से 1.5 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है। इसी कारण न्यायालय से अंतिम तिथि 30 नवम्बर 2025 तक बढ़ाने की अपील की गई है।
टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन के मानद सचिव सीए डॉ अभय शर्मा ने बताया कि टैक्स ऑडिट रिपोर्ट में क्लाइंट के वर्ष भर के सभी महत्वपूर्ण वित्तीय विवरणों का ऑडिट कर डिटेल्ड रिपोर्ट ऑनलाइन फाइल करना होती है। आयकर के पोर्टल से जीएसटी सहित अन्य पोर्टल पर रियल टाइम डेटा शेयरिंग होने से जरा सी भी चूक से क्लाइंट को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
उन्होंने कहा कि एक टैक्स ऑडिट कंप्लीट करने में सामान्यतः ३-४ दिन का समय लगता है। एक सीए अधिकतम ६० टैक्स ऑडिट कर सकता है ऐसे में अकाउंट फाइनलाइजेशन, डिटेल्ड ऑडिट प्रोसीजर तथा ऑडिट फाइनलाइजेशन इतने कम समय में करना असंभव कार्य है। कई रिप्रजेंटेशन का बावजूद सरकार डेट एक्सटेंशन के मूड में नहीं दिख रही ऐसे में यह जनहित याचिका ऑडिटर्स तथा व्यापारियों के लिए उम्मीद की एक किरण बनकर आई है।
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