सिंहस्थ में लैंड पूलिंग पर बड़ा यू-टर्न?
किसान संघ के दबाव के बाद सरकार बैकफुट पर, लेकिन पुष्टि अब भी अधर में
नीरज द्विवेदी /गोविंद मराठा ...वाघेला एक्सप्रेस
इंदौर/उज्जैन।
सिंहस्थ-2028 की तैयारियों के बीच लैंड पूलिंग को लेकर खड़े हुए किसान आंदोलन ने आखिरकार सरकार को बैकफुट पर ला दिया है। भारतीय किसान संघ के लगातार विरोध, धरना-प्रदर्शन और वार्ताओं के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा संगठन को “लैंड पूलिंग खत्म करने” का मौखिक आश्वासन दिए जाने की खबर आ रही है। हालांकि यह सभी जानकारी किसान संघ के सूत्रों पर आधारित है, और सरकारी स्तर से अब तक किसी भी प्रकार की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
भारतीय किसान संघ के सूत्रों के मुताबिक, सिंहस्थ क्षेत्र में स्थाई निर्माण को लेकर प्रस्तावित लैंड पूलिंग स्कीम को लेकर चल रहा विवाद अब शांत हो सकता है। संगठन के पदाधिकारियों का दावा है कि मुख्यमंत्री ने साफ कहा है कि किसान विरोधी किसी भी फैसले को लागू नहीं किया जाएगा और लैंड पूलिंग स्कीम को “तत्काल प्रभाव से निरस्त करने” पर सहमति बनी है।
✦ किसानों ने लगाया था बड़ा आरोप
किसान संघ ने बार-बार आरोप लगाया था कि लैंड पूलिंग की आड़ में सरकार किसानों की पीढ़ियों से चली आ रही उपजाऊ भूमि को स्थाई निर्माण के नाम पर हड़पना चाहती है। इस मुद्दे पर उज्जैन सहित अनेक स्थानों पर किसानों की बैठकों व विरोध कार्यक्रमों ने सरकार पर भारी दबाव बनाया था।
✦ आंदोलन की तीव्रता ने बढ़ाया दबाव
सिंहस्थ की जमीनों पर अधिग्रहण और स्थाई निर्माण को लेकर किसानों ने साफ शब्दों में चेतावनी दी थी कि यदि स्कीम वापस नहीं हुई तो आंदोलन और उग्र होगा। सूत्र बताते हैं कि इसी दबाव को देखते हुए मुख्यमंत्री ने किसान संघ के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर “किसान हित में निर्णय” लेने का भरोसा दिया।
✦ पर अब भी सरकार की आधिकारिक चुप्पी
दिलचस्प यह है कि इतने बड़े निर्णय की चर्चा होने के बावजूद सरकार या सिंहस्थ प्राधिकरण की ओर से कोई भी लिखित आदेश, पत्र या आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। यही वजह है कि किसान और क्षेत्रीय ग्रामीण अभी भी प्रतीक्षा में हैं कि जमीन से जुड़ी इस बड़ी स्कीम पर अंतिम मुहर कब लगेगी।
✦ किसान संघ सतर्क, बोले—आधिकारिक आदेश तक आंदोलन जारी
किसान संघ के नेताओं ने कहा है कि जब तक शासन स्तर से स्पष्ट आदेश जारी नहीं होता, वे आंदोलन को “स्थगित” तो कर सकते हैं पर “समाप्त” नहीं करेंगे। उनके अनुसार, सरकार कई बार आश्वासन देती रही है, लेकिन अंतिम निर्णय में देरी से किसानों में गहरा अविश्वास बना हुआ है।
✦ आगे क्या?
अब पूरा मामला सरकारी प्रतिक्रिया पर टिका हुआ है।
यदि सरकार वास्तव में लैंड पूलिंग स्कीम को खत्म करने का आदेश जारी करती है, तो सिंहस्थ क्षेत्र के हजारों किसानों की बड़ी राहत हो सकती है।
लेकिन यदि यह सिर्फ राजनीतिक या दबाव प्रबंधन की रणनीति निकली, तो आने वाले दिनों में किसान आंदोलन और तेज होना तय है।
कुल मिलाकर—किसान संघ के सूत्र दावा कर रहे हैं, सरकार अब भी चुप है, और किसानों की नजरें अब सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं।






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